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Showing posts from November, 2019

संस्कार "धरोहर"

हास्य मुक्तक (हिन्दी सीरियल्स)

माँ वीणापाणि, माँ सरस्वती

अधूरी मोहब्बत

जिन आंखों में ख्वाब सजे हैं कैसे इन्हें भिगोयें...

इन अश्रुपूर्ण आंखों की धारा देख रहे हो...

तुम छोड़ गये पद का निशान..

ज़हन में तम की सघनता

मेरे प्रिय कवि "निराला"

मेरी अब तक कि जीवन यात्रा

तितली हमसे पूछ रही है -

ग़ज़ल ( उसने नीचे आना जाना छोड़ दिया । )

झाला मन्ना का त्याग

लौकिक माधव का राधिका को प्रणय निवेदन